श्री हरिवंश पुराण कथा

धनुष यज्ञ साला में जाकर धनुष भंग करना



मथुरा नगरी जीने श्री कृष्णा से कहा कौन साहब के माता-पिता को पीड़ित वंचित करता है अतः आप रात को वहां ना जाए बल्कि कुछ ऐसा करें जिससे सुनकर उसकी आत्मा आनंदित हो जाए तब श्रीकृष्ण बोले यदि आपकी आज्ञा हो तो हम राजमार्ग से पैदल ही घूमते हुए कंस के महल में जाएंगे इस प्रकार हम मथुरा का सुंदर यह भी देख लेंगे और कंस के पास भी अभी नहीं पहुंचेंगे तब अक्रूर ने श्री कृष्ण और बलराम को अनुमति दे दी धोबी माली व कुपजा से भेंट

मार्ग में उन्हें कंस के धोबी को देखा तब श्री कृष्णा ने उससे कंस के कपड़े पहने के लिए मांगे धोबी ने उनको डांट दिया तब कृष्णन ने एक थप्पड़ मार कर उसका मुंह फाड़ दिया उसे मारकर अपनी इच्छा अनुसार साथ सही वस्त्र पहन कर वह आगे बढ़े बाग में उन्हें एक माली मिला कृष्ण द्वारा एक माला मांगने पर उसे श्रद्धा सहित सभी महिलाएं उनके आगे रख दिया और कहा आप ही के लिए है आपको जो पसंद हो ले ले तब कृष्णा ने प्रसन्न होकर मालिक को वरदान दिया कि उस पर लक्ष्मी सदैव ही प्रसन्न रहेगी आगे चलने पर कंस के लिए अनु लेपन बंद कर ले जाती हुई एक को बड़ी स्त्री उन्हें मिली कृष्ण द्वारा अनु लेपन मांगने पर उभरी ने उसके सौंदर्य पर मुग्ध होकर ने थोड़ा सा अनुलेखन लगाने को दिया तब श्री कृष्णा ने खुश होकर अपनी दो उंगलियों से उसका को बड़ा दबाकर ठीक कर दिया अब जाके कोबरा के ठीक होते ही वह बहुत ही सुंदर दिखने लगी हे राजन फिर धनुष यज्ञ शाला में जाकर कृष्णा ने देवताओं से भी प्रिय मित्र ना चढ़ाने पाने योग्य और देवताओं द्वारा पूजा जाने वाला लोहा स्तंभ की भांति वह विशाल धनु उठाकर अपनी उंगलियों पर नचाया और उसकी प्रशंसा चढ़ाते समय उसे तोड़ दिया धनुष के टूटने की भीषण ध्वनि से पूरा क्षेत्र काटने लगा तब घबराए हुए धानू रक्षक ने कंस को यह समाचार सुनाया उसने कहा कि नीलांबर और पितांबर धारण किए हुए कामदेव को भी बात करने वाले दो रूपवान बलशाली और तेजस्वी युवा यज्ञशाला में आए हैं उनमें से एक ने यज्ञ धनुष को खेलते हुए उठाकर तोड़ दिया जब तक हम लोग इस आश्चर्य से उभरते दोनों भाग खड़े हुए मैं नहीं जान सका कि वे दोनों कौन थे कंस ने इस बात को पी बालक बलराम फ्री नहीं है कंस ने इस बात को भांप लिया कि दोनों प्रतापी बालक बलराम और कृष्णा ही है अक्रूर के साथ में दोनों मथुरा नगरी आज पहुंचे हैं किंतु अति विशाल और सुदृढ़ धनुष के इस प्रकार टूटने के समाचार से महाबली कंस का हृदय कांप उठा इस प्रकार कृष्ण ने इन कर्मों से वासुदेव को आनंदित पहुंचाया और कंस को भयभीत कर दिया क्योंकि युद्ध से पहले यदि शत्रु का आत्मविश्वास टूटा दिया जाए और उसे भयभीत कर दिया जाए तो उसे जितना आसान हो जाता है वैश्य पना ने आगे कहा तब कंस ने प्रातः होने वाले महा उत्सव में कृष्ण बाबा राम का वध करने के लिए आपने दो बलवान और पराक्रमी महा बलवान ओं चारों और मस्ती का को समझाया कि वह उन्हें बालक समझकर क्षमा ना करें बल्कि तुरंत ही महा डालें फिर वह वाडया पीड़ित नामक मतवाले और बहुत डरावने हाथी की महावत को बुलाकर आदेश दिया कि वह अपने हाथी को मुख द्वार के निकट रखें और कृष्णा के रंगभूमि में प्रवेश करते हुए हाथी के पांव से रौंदकर वह कृष्णा को मार डाला हे राजन् तब महावत ने आश्चर्य प्रकट करते हुएआप कृष्णा आपका सगा भांजा है क्या उसकी हत्या उचित होगी कंस ने तब बताया कि कृष्णा उसका सगा भांजा नहीं है क्योंकि कंफीग्रेशन का पुत्र नहीं है तब कंस ने उसे सच्चाई बताई


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Breaking the bow by going to Dhanush Yajna Sala

Mathura city dweller said to Shri Krishna, who deprives the parents of Saheb, so you should not go there at night, but do something that will make his soul happy, then Shri Krishna said, if you allow, we will walk on the highway. We will go to the palace of Kansa, in this way we will also see the beauty of Mathura and will not reach Kansa now, then Akrur allowed Shri Krishna and Balram to meet Dhobi Mali and Kupja.

On the way he saw Kansa's washerman, then Shri Krishna asked him to wear Kansa's clothes. I found a gardener, when Krishna asked for a garland, all the women including Shraddha put it in front of him and said that it is for you, take whatever you like, then Krishna was pleased and gave a boon to the owner that Lakshmi would always be happy with him. On walking ahead, she found an old woman carrying away the application for Kansa, when Krishna asked for application, she emerged fascinated by her beauty and allowed a little application to be applied, then Shri Krishna was happy and touched her with his two fingers. He fixed it by pressing hard. Now as soon as the cobra got cured, she started looking very beautiful. raised the bow and danced on his fingers and broke it while offering praise The sound of the breaking of Diya Dhanush started cutting the whole area, then the frightened archer told this news to Kansa. One broke the yagya bow by lifting it while playing, while we both ran away in surprise, I could not know who they were. Balaram and Krishna are the two glorious children. Together with Akrura, both have reached the city of Mathura today. Because before the war, if the confidence of the enemy is broken and he is made afraid, then it becomes easier for him. You explained to the two strong and mighty great forces, the four and the fun, that they Don't forgive him considering him as a child, but immediately put Maha. He killed krishna oh king then mahout expressed surprise that you krishna is your real nephew will it be right to kill him.

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